अल्फाज़ों से कहाँ बयाँ होते हैं दिल के जज़्बात
वर्ना फिर इन खामोशियों की क्या विसात
कुछ बातें दिल से दिल की भी तो होती हैं
बिन बात आखें बस यूँ ही रोती हैं
बस आँखे दिल का हाल बयाँ करती हैं
अल्फाज़ों पे सौ सवाल खड़े करती हैं
इतनी खामोश भी नहीं होतीं ये खामोशियाँ
बहुत कुछ बयाँ करती हैं इनकी नजदीकियां
एक अजब सा सुकून मिलता है इनके साथ
जीत पाना इनसे अल्फाज़ों के बस की नहीं बात
कभी सोचना गहराईयों से एक बात
कुछ लोग बस यूँ ही करीब होते हैं
बात हो न हो दिल को अज़ीज़ होते हैं
ये खामोशियाँ करती हैं दिल से दिल की बात......
वर्ना फिर इन खामोशियों की क्या विसात
कुछ बातें दिल से दिल की भी तो होती हैं
बिन बात आखें बस यूँ ही रोती हैं
बस आँखे दिल का हाल बयाँ करती हैं
अल्फाज़ों पे सौ सवाल खड़े करती हैं
इतनी खामोश भी नहीं होतीं ये खामोशियाँ
बहुत कुछ बयाँ करती हैं इनकी नजदीकियां
एक अजब सा सुकून मिलता है इनके साथ
जीत पाना इनसे अल्फाज़ों के बस की नहीं बात
कभी सोचना गहराईयों से एक बात
कुछ लोग बस यूँ ही करीब होते हैं
बात हो न हो दिल को अज़ीज़ होते हैं
ये खामोशियाँ करती हैं दिल से दिल की बात......
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