Saturday, 19 September 2020

एक लड़का और एक लड़की कभी दोस्त क्यों नहीं हो सकते?

फिल्मों का एक बहुत ही फेमस डायलॉग है- एक लड़का और एक लड़की कभी दोस्त नहीं हो सकते हालांकि, ये बातें सिर्फ फिल्मों तक ही सीमित नहीं हैं, आम जीवन में भी यंगस्टर इस डायलॉग का धड़ल्ले से इस्तेमाल करते हैं। सच कहूं, तो हिंदी सिनेमा की रोमांटिक फिल्में इसी सूत्र वाक्य के इर्द-गिर्द घूमती नजर आती हैं।

श्री मोहनीश बहल ने फिल्म "मैंने प्यार किया" में कहा था "एक लड़का और एक लड़की कभी दोस्त नहीं हो सकते" फिर यही बात आपके माता-पिता ने आपके अंदर कूट-कूटकर भर दी उनकी गलती नहीं है, समाज की बनावट ही कुछ ऐसी है मोहनीश बहल के लिए वो डायलॉग लिखने वाला भी तो इसी ज़माने की उपज होगा हमने जो-जो फ़िल्में देखीं, उनमें लड़का-लड़की बेस्ट फ्रेंड होते थे, लेकिन अंत में प्यार हो ही जाता था 

इसलिए जब क्लास में एक लड़के ने लड़की से पेन मांगा, लड़की ने समझा फ़्लर्ट कर रहा है। लड़की ने जब लड़के को अपना टिफिन ऑफर किया, लड़के को लगा इसे तो पक्का प्यार हो गया है। फिर ट्रकों ने हमें सिखाया "हंस मत पगली प्यार हो जाएगा" और देश भर के लड़कों को यकीन हो गया कि "हंसी तो फंसी" और आज जब लड़की फोटो डालती है फेसबुक पर, लड़के को लगता है उसके लिए ही डाली है. लड़का पोस्ट लाइक कर दे तो लड़की को यकीन हो जाता है कि ये तो मुझे पसंद करने लगा है।


ये नेचुरल है. क्योंकि समाज ने हमें बड़ा ही ऐसे किया है कि लड़के और लड़की के बीच कभी आपसी समझदारी, बातचीत और एक स्वस्थ दोस्ती का रिश्ता हो ही नहीं सकता जरूर उसके मायने प्यार होंगे, पर समाज का रटाया हुआ हर सच, सच नहीं होता ये भी वैसा ही एक सच है

मैं लड़की हूं, इसलिए लड़की के पॉइंट ऑफ़ व्यू से बात करूंगी। एक लड़की के तौर पर बड़ा मुश्किल होता है ये जानना कि जो भी लड़का उसे जानता है, उसे पाना चाहता है। अगर आप एक आउटगोइंग लड़की हैं, लोगों से मिलना पसंद करती हैं, तो जाहिर सी बात है आपको बहुत से लड़के मिलते होंगे. आपका नंबर लेते होंगे। आपसे मिलना चाहते होंगे. लेकिन आप उसके नंबर मांगते ही घबरा जाती हैं. क्योंकि आपको ये डर होता है कि ये आप परट्रायकरने वाला है। फिर आपको लगता है यार इससे बात ही क्यों की, ये तो चेप हो गया। ये सिर्फ आपके ही नहीं, खुद मेरे साथ भी होता है। ये डर स्वाभाविक है. क्योंकि उधर उस लड़के के दोस्त भी उससे हर दिन पूछ रहे होते हैं, ‘भाई कुछ बात बनी?’


श्री शाहरुख़ खान कह गए हैं, ‘प्यार दोस्ती है.’ बेशक, है। लेकिन वो कहना भूल गए कि दोस्ती, दोस्ती है, इश्क नहीं।


इश्क होने में कोई बुराई नहीं है, पर जब इश्क नहीं है तो नहीं है। हममें से कितनी लड़कियां होंगी जिनके लड़के दोस्त होंगे।

किसी लड़की का जब प्रमोशन होता है, लोग कहते हैं बॉस के साथ चक्कर होगा। कॉलेज में नंबर अच्छे आते हैं तो टीचर के साथ अफेयर होगा। क्योंकि किसी लड़की के अंदर एक पुरुष कोपूराकरने के अलावा भी कोई गुण हो सकता है, ये बात उनके पल्ले ही नहीं पड़ती।

एक लड़का यही सोच के कन्फ्यूज हो जाता है कि आखिर ये लड़की चाहती क्या है, बस चैटिंग? वो मुझे सिर्फ अपनी इमोशनल जरूरतों के लिएयूजतो नहीं कर रही?

मैं बताती हूं वो क्या चाहती है, वो चाहती है आप उसके दोस्त बने रहें। बुरे समय में उसका साथ दें। कभी उसके साथ बाहर घूमने जाएं। कभी उसे स्पेशल महसूस कराएं। शायद उसे बस एक झप्पी चाहिए हो या वो बौद्धिक तौर पर आपके साथ इतना सहज महसूस करती हो कि देश दुनिया की बातें करना चाहती हो।शायद किसी दिन बस दुनिया की भड़ास निकालना चाहती हो।

यकीन मानिए, अगर उसको आपसे प्रेम होगा तो वो आपको बता देगी. वो 50 साल पहले की कोई नई दुल्हन नहीं है, कि आपसे इश्क का इजहार करने में डरेगी

‘फ्रेंड’ एक अच्छा शब्द है और आप जिस लड़की से उसका नंबर मांगने जा रहे हैं, वो एक विकसित दिमाग वाली इंसान है। उससे दोस्ती करिए, यकीन मानिए वो आपकी सबसे अच्छी दोस्त बनकर रहेगी।




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