Saturday 2 July 2016

ज़िन्दगी

कभी गम, तो कभी खुशी है ज़िन्दगी
कभी धूप, तो कभी छाँव है ज़िन्दगी . . . . . . .
विधाता ने जो दिया, वो अद्भुत उपहार है ज़िन्दगी
कुदरत ने जो धरती पर बिखेरा वो प्यार है ज़िन्दगी . . . . . .
जिससे हर रोज नये-नये  सबक मिलते हैं 
यथार्थों का अनुभव कराने वाली ऐसी कड़ी है ज़िन्दगी . . . . . 
जिसे कोई न समझ सके ऐसी पहेली है ज़िन्दगी
कभी तन्हाइयों में हमारी सहेली है ज़िन्दगी . . . . . . .

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