Wednesday 22 February 2017

हर खुशी है लोगों के दामन में

हर खुशी है लोगों के दामन में ,
पर एक हंसी के लिए वक़्त नहीं .
दिन रात दौड़ती दुनिया में ,
ज़िन्दगी के लिए ही वक़्त नहीं .

माँ की लोरी का एहसास तो है ,
पर माँ को माँ कहने का वक़्त नहीं .
सारे रिश्तों को तो हम मार चुके ,
अब उन्हें दफ़नाने का भी वक़्त नहीं .

सारे नाम मोबाइल में हैं ,
पर दोस्ती के लए वक़्त नहीं .
गैरों की क्या बात करें ,
जब अपनों के लिए ही वक़्त नहीं .

आँखों में है नींद बड़ी ,
पर सोने का वक़्त नहीं .
दिल है घमों से भरा हुआ ,
पर रोने का भी वक़्त नहीं .

पैसों की दौड़ में ऐसे दौड़े ,
की थकने का भी वक़्त नहीं .
पराये एहसासों की क्या कद्र करें ,
जब अपने सपनो के लिए ही वक़्त नहीं .

तू ही बता इ ज़िन्दगी ,
इस ज़िन्दगी का क्या होगा ,
की हर पल मरने वालों को ,
जीने के लिए भी वक़्त नहीं ………

Monday 13 February 2017

Koi Mujh Ko Zara Kuch Pal Zindagi Se Mila De........

Koi mujh ko zara kuch pal zindagi se mila de,
Akeli bhut hoo uska pata deeeeee,
Tadap raha hai dil uska chehra dikha de,
Hai milna mujhe us se etna bata de....


Dhondte hi rah gaye hum nisha zindagi ka,
Us se milne aaye hai use etna bata de,
Mujhko mallom hai na hai ye khabar,
Dhundhu usko bhala ab main kidher,
Kitne anjaan raaste hame hai mile,
Mere dost mujhe tu zara uska pata de....


Ji rahi hoo mager zindagi se nahi,
Mil rahi hoo sab se per khushi se nahi,
Be-basi ne mujhe aaj etna tod diya,
Ke maut ne bhi ab daman chod diya,
Us se pochta hai dil kis baat ki wo saza de....


Koi mujh ko zara kuch pal zindagi se mila de,
Tadap raha hai dil uska chehra dikha de......


Zindagi se alag hum kab tak jiye,
Laash banke bhi dafan hum na huye,
Maar ke apne hatho se zindagi maang rahe the,
Jisko baat diya tha logo main wo khushi maang rahe the,
Hai dard bhut hame koi humko dawa de,
Koi mujh ko zara kuch pal zindagi se mila de,
Tadap raha hai dil uska chehra dikha de......


Mere aarman mujh se mera haq maangte hai,
Es bimaar dil ki dawa maangte hai,
De diya hum ne apna sab kuch khood ko bhoola ke,
Jaise jita hai koi khood ko mita ke,
Hai khata ye meri kya mujhe tu bata de,
Mere dost mujhe tu zara uska pata de,
Koi mujh ko zara kuch pal zindagi se mila de,
Tadap raha hai dil uska chehra dikha de........

Main Hamesha Aapke Saath Hu

Thak jaao gar pathreele raaston pe chalte hue
Kabhi soch na lena ki wahan tanha ho tum
Moond kar palkon ko apni jo tum dekhoge
 Apne saath hi sada mujh ko paaoge tum
Har waqt bura kat jaat hai,
yaqeen karna Ankhon main kabhi tum ashk na bhar lena
Ghum barh jaaye, muskurahat khone lage
Apni duaaon main mujh ko paaoge tum
Ishq naam to nahin hai milan ka, deedar ka
Dil se dil ka mil jaana hai naam-e-mohabbat
Jo yaad aa jaaye meri, na samjhna ki door hoon
Apne seene main dhadakta mujh ko paaoge tum
Waqt ki garmi jo jhulsaane lage wujood
Meri chahat ki nami ko mehsoos karna
Jo sard hawaain zamane ki aane lagen paas
Meri wafaaon ki garmi ko mehsoos karna
Main tumse juda to nahin hoon mere humdum
Apne saath hi sada mujh ko paaoge tum !!

Saturday 11 February 2017

Silent Love

“मिला वो भी नही करते,
मिला हम भी नही करते.”
“दगा वो भी नही करते,
दगा हम भी नही करते.”
“उन्हे रुसवाई का दुख,
हमे तन्हाई का डर”
“गिला वो भी नही करते,
शिकवा हम भी नही करते.”
“किसी मोड़ पर मुलाकात हो जाती है अक्सर”
“रुका वो भी नही करते,
ठहरा हम भी नही करते.”
“जब भी देखते हैं उन्हे,
सोचते है कुछ कहें उनसे.”
“सुना वो भी नही करते,
कहा हम भी नही करते.”
“लेकिन ये भी सच है,
की मोहब्बत उन्हे भी हे हमसे”
“इकरार वो भी नही करते,
इज़हार हम भी नही करते.”

Yaadein

Yaadon ko bhulane mein,
Kuch der toh lagti hain..
Aankhon ko sulane mein,
Kuch der toh lagti hain..
Kisi shakhs ko bhula dena,
Itna aasaan nahi hota..
Dil ko samjhane mein,
Kuch der toh lagti hain..
Bhari mehfil mein jab koi,
Achanak yaad aa jaaye,
Fir aansoo chupane mein,
Kuch der toh lagti hain..
Jo shakhs jaan se pyara ho,
Achanak door ho jaaye,
Dil ko yaqeen dilane main,
Kuch der toh lagti hain…..!!

Wednesday 1 February 2017

तेरी जिंदगी से


तेरी जिंदगी से बहुत दूर चले जाना है
फिर न लौट कर इस दुनिया में आना है,
बस अब बहुत हुआ....…
अब किसी का भी चेहरा इस दिल में कभी नहीं बसाना है……
तुम्हारी जिंदगी में अब मैं नहीं
तुम्हारी जिंदगी में अब कोई और सही
पर मेरे दिल में तुम हमेशा रहोगे
मेरा अधूरा  ख्वाब बनकर, मेरे हमनशीं………
न कर मुझे याद करके मुझ पर और एहसान
ऐसा न हो मुझे पाने की तमन्ना में
चली जाए तेरी जान…………
मैं भी कोशिश करूँगी भुलाने की तुझे
नहीं तो हो जाऊँगी तेरे नाम पर कुर्बान…………….
हसरतें दिल में दबी रह गयी
तुझे पाकर भी जिंदगी में कुछ कमी रह गयी,
आँखों में तड़प और दिल में दर्द अब भी है
न जाने तेरे जाने के बाद भी
आँखों में नमी रह गयी…………
मन करता है जो दर्द है दिल में
बयां कर दूँ हर दर्द तुझसे,
अब ये दर्द छुपाए नहीं जाते
लेकिन नहीं कह सकती कुछ तुझसे
क्योंकि दिलो के दर्द दिखाए नहीं जाते………………….

ना जानें क्यूँ अजीब सी है ये ज़िन्दगी


जानें क्यूँ अजीब सी है ये ज़िन्दगी
एक पल में है कोई, तो दूसरे पल में कोई नहीं.
मैं तो हूँ यहाँ… पर मेरा मन है और कहीं
ना जाने क्यूँ अजीब सी है ये ज़िन्दगी.
हर एक पल कुछ गँवाया
तो दूसरे हीं पल कुछ नया पाया
कभी कोई रूठा हमसे,
तो कभी किसी ने हमें मनाया.
कभी जिंदगी ने हमें रुलाया,
तो कभी इसने हमें हंसाया.
ना जाने क्यूँ अजीब सी है ये ज़िन्दगी.
बहुत से रिश्ते दिए..
इसने माँ की ममता, पिता का प्यार
दादी की कहानी तो दादा का दुलार.
कभी किसी ने अपनाया
तो कभी किसी ने झटके से हाथ छुड़ाया.
ना जाने क्यूँ अजीब सी है ये ज़िन्दगी.
कभी ज़ोर से गिराया
तो कभी हौसले से ऊपर उठाया.
कभी थोड़ा फीका सा
तो कभी थोड़ा मीठा सा बनाया.
कभी किसी परीक्षा में फेल
तो कभी किसी परीक्षा में पास कराया.
पर हर एक परीक्षा से इसने हमें बहुत कुछ सिखाया.
भले ही हुए कभी फेल
पर हमेशा इसने ज्ञान का सागर बढ़ाया.
हर एक परिश्रम से कुछ नया हीं सिखाया.
ना जाने क्यूँ अजीब सी है ज़िन्दगी
एक पल में है कोई और दूसरे पल में कोई नहीं.
एक पल में है कोई और दूसरे पल में कोई नहीं.

ये जरूरी तो नहीं


ख्वाबों में तेरा दीदार करूं,
मैं टूट कर तुझसे प्यार करूं
पर तू भी मुझसे प्यार करे…….
ये जरूरी तो नहीं
माना तेरे हजारों दीवाने हैं जमाने में
पर मेरी तरह भी कोई तुझे चाहे…….
ये जरूरी तो नहीं
हर मोड़ पर मिलेगा….
कोई न कोई, जिंदगी की राह में
पर कोई मेरे जैसा मिले…..
ये जरूरी तो नहीं
माना तुझे आता है, चेहरे पर चेहरा लगाना
पर मैं भी तेरी तरह बन जाउँ…..
ये जरूरी तो नहीं
तंग हैं हालात, तू भी नहीं है मेरे साथ
पर मैं टूटकर बिखर जाऊँ……..
ये जरूरी तो नहीं
हुस्न वाले तो लाखों हैं जमाने में
पर हर हुस्न वाले का दिल भी खूबसूरत हो….
ये जरूरी तो नहीं
न जाने कितने शिकवे हैं मुझे तुझसे
पर मैं तुझसे अपने दर्द का इजहार करूँ…..
ये जरूरी तो नहीं
ये जानती हूँ मैं, कि तू मेरा नहीं हो सकता
पर मैं भी तेरी न रहूँ…. ये जरूरी तो नहीं ! ! !

चाहत


अपनी ही चाहत को हम अपना ना बना पाये

उनके खयालो की दुनिया में हम शामिल ना हो पाये

सिर्फ उनकी खोखली यादों में हमने ना जाने कितने दिये जलाये

फिर भी अफसोस अपनी मुहब्बत की दास्तान अपनो को सुना ना पाये

अब ना कोई उल्लास है ना कोई उमंग

सिर्फ और सिर्फ है तो अधूरी दास्तान के साथ जीने की एक जंग

लोग कहते हैं वो समझ नहीं सकते हमें

समझना उनकी फितरत में शामिल नहीं

छोड़ो समझने की बात

कभी समय मिले तो समझ के देखना की

जब दिल टूटता है तो आवाज़ नहीं आती

सिर्फ निकालते हैं आंख से आंसू

सारी दुनिया बहती हुई नज़र आती

और दुनिया के साथ तुम भी

रोकने की कोशिश करते

तुम्हें मगर रोक ना पाते

क्योंकि हम कभी खुद को

तुम्हारे ख्वाबों में ना पाते

बस ऐसे ही चलती है ज़िंदगी

बस ऐसे ही कट ता है जिंदगी का सफर

निकलती है दिल से आवाज़ “तुम ही थे,तुम ही हो, तुम ही रहोगे”

ना सही प्यार बनकर मगर एक कसक बनकर ज़रूर

अब चलते हैं दोस्त

चलना पड़ेगा ये खुदा ने कहा है

तुम भी चलोगे हम भी चलेंगे हमेशा अलग अलग

यही तो है आज का तजुर्बा और इस जिंदगी का रुत्बा.....