Saturday 27 June 2020

एक तरफ़ा इश्क़


ख्वाबों में तुझसे
बेहिसाब बातें करती हूँ ,
मगर
एक तरफ़ा इश्क़ है मेरा
इसलिए दिल में ही रखती हूँ ।

ख्यालों में न जाने कितनी
तेरी तस्वीरें बनाती हूँ,
एक तरफ़ा इश्क़.....

जमीं पर मेरे नाम मे
तेरा नाम लिखकर
यूँ ही मिटा देती हूँ ,
एक तरफ़ा इश्क़.....

ख्वाबों में तेरे साथ मैंने
अपनी अलग दुनिया बनायी है
पर तुझें वहाँ ले जाने से
परहेज करती हूँ ,
एक तरफ़ा इश्क़.....


जब हम मिलते हैं यूँ ही
तब मैं ख़ामोश रहकर
तेरे अल्फाज़ो को पढ़ती हूँ,
एक तरफ़ा इश्क़.....

तेरे साथ चलने का
ग़म नहीं है मुझे ,
मैं तो तेरी परछाईं के
साथ चलती हूँ ,
एक तरफ़ा इश्क़.....

खुशकिस्मत हूँ मैं कि
तुमने दोस्ती कबूल की मेरी ,
बस यही वज़ह है
बेपनाह मोहब्बत होकर भी
इज़हार कभी नहीं करती हूँ,
एक तरफ़ा इश्क़.....

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