Wednesday 5 October 2016

क्या लिखूं ?

क्या लिखूं   ?
मन की कहानी लिखूं
या आँखों का पानी लिखूं
क्या लिखूं  ?
तितलियों का शरमाना लिखूं
या भँवरो का गुनगुनाना लिखूं
क्या लिखूं   ?
हवाओं की झनकार लिखूं
या कोयल के गीत सदाबहार लिखूं
क्या लिखूं   ?
बादलो में चाँद का छिप जाना लिखूं
या सूरज का हर रोज मुस्कुराना लिखूं
क्या लिखूं   ?
धरती का श्रृंगार लिखूं 
या बूंदों का उपहार लिखूं
क्या लिखूं   ?
फूलों की महक लिखूं
या पत्तों की खनक लिखूं
क्या लिखूं   ?
गंगा की पावनता लिखूं
या नारी की शालीनता लिखूं
क्या लिखूं   ?
दीपक का जलना लिखूं
या अंधकार चीरकर आलोक का पथ गढ़ना लिखूं
क्या लिखूं   ?
तारों का टिमटिमाना लिखूं
या मेरा उन्हें निहारते जाना लिखूं
क्या लिखूं   ?
पंछियों का चहचहाना लिखूं
या कलियों का चटकना लिखूं
क्या लिखूं   ?
मंदिर की घंटियों की आवाज लिखूं
या मस्जिद की अजान का आगाज लिखूं
क्या लिखूं   ?
सरिता का निरंतर बहना लिखूं
या झरने का पहाड़ों से गिरना लिखूं
क्या लिखूं   ?
सर्दियो की भीनी धूप का एहसास लिखूं
या रात में पड़ती ओस का आभास लिखूं
क्या लिखूं   ?
सावन की रंगीली बहार लिखूं
या पतझड़ के मौसम का संहार लिखूं
क्या लिखूं   ?
हवाओं की मीठी धुन सुनाना लिखूं
या फसल का उस पर लहराना लिखूं
क्या लिखूं   ?
पतंगे का लौ के प्रेम में मिट जाना लिखूं
या सूर्यमुखी का भानु से नयन मिलाना लिखूं
क्या लिखूं   ?
कृष्ण की बांसुरी का संगीत लिखूं
या मीरा की उनसे प्रीत लिखूं
क्या लिखूं   ?
गुरु के चरण स्पर्श का अद्भुत सार लिखूं
या माँ के कोमल स्पर्श में बसा प्यार लिखूं
क्या लिखूं   ?
बचपन के लड़कपन का जमाना लिखूं
या बारिशो में वो बेवजह का छपछपाना लिखूं
क्या लिखूं…………………………….
क्या लिखूं…………………………….
क्या लिखूं…………………………….

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