Monday 6 November 2017

तेरे प्यार का रंग ऐसे मुझपे चढ़ता……

तेरे प्यार का रंग ऐसे मुझपे चढ़ता जाये
मेरे हुस्न का रंग और खिलता जाये

मुझपे पे चढ़ी ऐसी जवानी
मै बावरी हो गयी तेरी दीवानी

मै जब जब तेरे ख्यालों में डुबु
तेरे ही बाँहों में झुमु

करू मै तारो से बातें
और हवाओं के साथ चलूँ मैं

उडू मै तितली के संग संग
और बस जाऊं आके तेरे दिल मे

तेरे प्यार का रंग ऐसा मुझपे चढ़ता जाये
मेरे हुस्न का रंग और खिलता जाये

तस्वीर तेरी मैं रोज़ बनाऊं
प्यार के रंगों से उसे मै सजाऊँ

मै हो के गुस्सा कभी रूठ जाऊ
फिर देख तस्वीर तेरी मैं मान जाऊ

ये दिल कैसे कैसे रोग लगाए
तेरा प्यार ही उसे भाये

तेरे प्यार का रंग ऐसा मुझपे चढ़ता जाये
मेरे हुस्न का रंग और खिलता जाये.

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